जालिम इतना घायल, कर दिया तूने। बुलाकर अपने घर बाप, से पिटवाया तूने।
पानी की जगह गम के, आंसू पीता हूं। तेरे प्यार की खातिर बाप के, डंडे खाता हूं।
'ऐसा ने कहे ऐसा कहना पाप होगा, कभी तू भी किसी हंसी का बाप होगा | '
माँ बाप ज़िन्दगी, के पेड़ की जड़ है |
बाप :- रे छोरे आज तलक तने कोय ऐसा काम किया है, जिसते मेरा सर ऊँचा हुआ हो | छोरा :- रे बापू भूल गया , इक बार थारे सर के नीचे तख़िया ना लगाया था , जिसते फेर थारा सर ऊँचा हो गया था |
यदि बचपन व माँ की कोख की याद, हमें रहे तो , हम कभी भी माँ-बाप के , खिलाफ नहीं हो सकते I Baba Ramdev